देश के लिए वर्ष 2011 अन्ना जी के आंदोलन के रूप में नई उम्मीदें लेके आया| सारा भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ खड़ा हुआ और जो लोग भ्रष्टाचार को अपनी तकदीर समझ रहे थे वो भी जाग गये| लोगों को लगने लगा की भ्रष्टाचार को भगाया जा सकता है| टीम अन्ना ने तमाम मुस्किलों को पार करके सारे लोगों को बताया की जनलोकपाल ही वो औजार है जिससे इस बुराई पर काबू किया जा सकता है| ज़रूरत है तो बुलंद हौसले और एकता की | इस साल एक बार फिर से अन्ना जी की अगुवाई मे टीम अन्ना ने 25 मार्च 2012 को जंतर मंतर पर अगस्त 2011 की याद ताज़ा कर दी| लोगों के जनसैलाब के बीच नेताओं की पोल खोल दी जिसकी वजह से टीम अन्ना को तमाम नेताओं की खरी कोटि सुननी पड़ी| इस आंदोलन से एक बात तो साफ हो गई की अब लड़ाई जनता बनाम राजनीतिक दल का रूप लेती जा रही है|  

आंदोलन का भविस्य आने वाले दिनों मे जनता की एकता पर निर्भर करता है, सारे लोगों को ये समझना होगा की वो पहले भारतीय हैं उसके बाद किसी अन्य समूह, संस्था, दल, विचारधारा, धर्म आदि से जुड़े हैं|  भ्रष्टाचार समूह, वर्ग, जाती या धर्म देखकर चोट नही करता इसलिए अब सभी भारतीयों को एकसाथ आंदोलन में कूदना होगा तभी ये आंदोलन सफल हो सकेगा| अन्ना का आंदोलन अब आप सबका आंदोलन है| इसका भविस्य आप पर निर्भर है| 

वादेमतरम|